टेकः - किरपा भरी, ख़ुशियों भरी, आयी दीपावली की शुभ घड़ी;
मिले सबको आनन्द, महके भक्ति सुगन्ध ।
हर जीवन में छायी सच्ची ख़ुशी ।।
1. प्रभु-मिलन की सुन्दर घड़ी जो मिली, मिली ख़ुशी खिल गयी हर दिल की कली;
किया बड़ा उपकार, दिया सुन्दर दीदार ।
प्रभु झोली सभी की सुखों से भरी ।।
2. प्रेम श्रद्धा की थाली सजा करके, सुन्दर भावों के दीये जगा करके;
प्यारी छवि को निहार, रहे आरती उतार ।
पायीं हमने ख़ुशियाँ सारे जग की ।।
3. जिस दिल में प्रभु जी विराज रहे, ख़ुशियों के ढोल नगाड़े वहाँ बाज रहे;
जायें 'दास' बलिहार, गायें मंगलाचार ।
पायी प्रभु जी से कुंजी सच्चे सुख की ।।