मालिने बनादे एक सेहरा नी,माता वैष्णो के आए नवरात्रे।माता वैष्णो के आए नवरात्रे नी,शेरावाली माँ के आए नवरात्रे।दिल नाचता ख़ुशी से मेरा नी,माता वैष्णो के आए नवरात्रे॥
फूल श्रद्धा के होएंगे जब अर्पण,शुद्ध होएगा रे मनवा का दर्पण।जब चरणों में झुकेगी यह भावना,हो जाएगी रे पूरी मनोकामना।होगा जिंदगी में नया सवेरा नी,माता वैष्णो के आए नवरात्रे॥
माँ सन्मुख देगी हमें दर्शन,फल भक्तों को देगा यह अर्चन।शीश निष्ठा से जो भी झुकाएंगे,काज सबके ही सिद्ध हो जाएंगे।टूट जाएगा मुसीबतों का घेरा नी,माता वैष्णो के आए नवरात्रे॥