भवन फुला दे नाल सजया,
दर ते भारी मेला लगया,
पता न केहड़ी केहड़ी था तो भर भर आइयाँ गाड़ियाँ,
मैया जी तेरे मंदिरा ते बड़ियाँ रोनका लगियां,
नचदे नच्दे दर ते आंदे बोलन भगत जयकारे,
सची तेरी ज्योत दे पेंदे दूर दूर लिशकारे,
रंग बिरंगियाँ लाइटा वालियां लड़ियाँ वि ने लगियां,
बड़ियाँ रोनका लगियां,......
आज माँ तेरे बचियाँ नु तेरे नाम दी चडी खुमारी,
दर ते पेन धमाला संगत रल के आई सारी,
दर्शन तेरा पौन ली आज लमियाँ लाईना लगियां,
बड़ियाँ रोनका लगियां....
सलीम तेरियां भेटा बोले ढोल नगाड़े भजदे,
साह रंग दे वि नैन भवन वाल देख देख नही रज दे,
दगापुरियां सुनील ने वि तेरे ते डोरा छड़ियाँ,
बड़ियाँ रोनका लगियां,